आवारा पशूओं के हल के लिए विधान सभा में प्रस्ताव लाएगी ‘आप’

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अमन अरोड़ा, कुलतार सिंह संधवां व प्रो. बलजिन्दर कौर ने स्पीकर को सौंपा प्रस्ताव 

चण्डीगढ़, 13 फरवरी:-   राज्य में विकराल होती जा रही आवारा पशूओं की समस्या के ठोस हल के लिए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब आगामी विधान सभा सत्र में प्रस्ताव पेश कर रही है। वीरवार को पार्टी के सीनियर नेता और विधायक अमन अरोड़ा, कुलतार सिंह संधवां और प्रो. बलजिन्दर कौर ने विधान सभा के स्पीकर राणा केपी सिंह को प्रस्ताव सौंप दिया है।

स्पीकर राणा केपी सिंह के साथ मुलाकात के उपरांत मीडिया को संबोधन करते हुए अमन अरोड़ा, कुलतार सिंह संधवां और प्रो. बलजिन्दर कौर ने कहा कि आवारा पशूओं की समस्या बेकाबू हो चुकी है, क्योंकि समय समय की कांग्रेसी और अकाली-भाजपा सरकारों ने इस समस्या के हल के लिए जरुरी ठोस कदम ही नहीं उठाए। 

अमन अरोड़ा ने बताया कि आगामी बजट सत्र के दौरान वीरवार वाले दिन यह प्रस्ताव सदन में पेश किया जाएगा। इस संबंधी माननीय स्पीकर ने भी समस्या की गंभीरता को समझते हुए प्रस्ताव पेश करने की प्रवानगी देने का भरोसा दिया है।

 ‘आप’ विधायकों ने कहा कि आवारा पशूओं के कारण हर साल भारी जान और माली नुक्सान होता है। सडक़ दुर्घटनाओं में सैंकड़े जानें जातीं हैं और फसलों का भारी नुक्सान होता है। अमन अरोड़ा ने बताया कि यदि सरकार आवारा पशूओं की दिन प्रति दिन विकराल हो रही समस्या का समय रहते हल न किया तो पंजाब समेत देश भर में 28 करोड़ आवारा पशु हो जाएंगे, जिनकी संभाल के लिए सालाना 5 लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए की जरूरत होगी

अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में इन आवारा पशूओं में करीब 15 प्रतिश्त देसी नसल की गाय और बैल हैं जबकि बाकी 85 प्रतिशत अमरीकी /एच.एफ गाय-बैल हैं, जिनका भारत में पवित्र और पूजनीय मानी जाती गाय नसल के साथ बायओलोजीकल या वैज्ञानिक तौर पर कोई लेना-देना नहीं है। जिस की पुष्टि डी.ऐन.ए टैस्ट करवा कर की जा सकती है।

अमन अरोड़ा ने बताया कि प्रस्ताव द्वारा मांग की गई है कि देसी नसल की गाय व बैलों की गौशाला में सम्मान सहित संभाल यकीनी बनाई जाए, जबकि अमरीकी /एफएम नसल के आवारा पशूओं को पकड़ कर बुच्चडख़़ानों में भेजा जाए, जिससे लोगों की जान-माल और फसलों का बचाव हो सके।

कुलतार सिंह संधवां और प्रो. बलजिन्दर कौर ने पंजाब के लोगों से अपील की है कि वह अपने अपने हलके के विधायकों पर इस लोग-हित प्रस्ताव की विधान सभा के सदन में पार्टीबाजी से ऊपर उठ कर हिमायत करें क्योंकि सडकों पर हादसे और फसलों के नुक्सान ‘आप वाले’, अकाली या कांग्रेसी देख दे नहीं होते।     

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