मुसलमानों को शामिल करने के लिए नागरिकता संशोधन कानून में संशोधन किया जाएः अकाली दल


कहा कि यदि एनआरसी लागू किया तो अकाली दल इसका विरोध करेगा


सीएए के तहत् सिखों को मिली राहत रोकने के लिए कांग्रेस सरकार को फटकार लगाई
सदन में आपातकाल जैसी सेंसरशिप लगाई हुई थीः मजीठिया


चंडीगढ़/17जनवरीः शिरोमणी अकाली दल ने आज स्पष्ट तौर पर मांग की है कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 (सीएए) को मुस्लिम भाईचारे के सदस्यों पर भी लागू किया जाए ताकि वह भी सीएए के तहत् वह सभी लाभ ले सकें, जो हिंदू,सिख, बौद्ध,जैन, ईसाई तथा पारसी समुदायों को दिए गए हैं।
इस बारे टिप्पणी करते हुए अकाली विधायक दल के नेता सरदार शरनजीत सिंह ढ़िल्लों ने कहा कि पार्टी चाहती है कि कांग्रेस अफगानिस्तान से आए उन हजारों सिखों को मिली राहत का विरोध न करे, बल्कि यह राहत मुसलमानों को भी दिलाने पर ध्यान केंद्रित करे।

सदन में सीएए पर अकाली दल तथा कांग्रेस द्वारा लिए स्टैंड में अंतर पर विस्तार से चर्चा करते हुए मीडिया को बताते हुए वरिष्ठ अकाली नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि मान लो कि रक्त की तीन बोतलें हैं तथा क्लीनिक में भर्ती चार गंभीर मरीजों को एक एक बोतल रक्त की आवश्यकता है। अकाली दल चाहता है कि सभी मरीजों को एक एक बोतल रक्त देकर सभी को ही बचाया जा सकता है तथा इसी दौरान चैथी बोतल हासिल करने के लिए कोशिशें तेज करनी चाहिए। पर कांग्रेस चाहती है कि यदि चैथी बोतल नही मिलती तो किसी को भी रक्त नही देना चाहिए तथा चारों मरीजों को मरने देना चाहिए। उन्होने कहा कि वह मुसलमानों को बचाना नही चाहते, बल्कि सिखों को भी दुख देना चाहते हैं। यह बेहद अफसोसजनक तथा हास्यास्पद हरकत है।


एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए अकाली दल ने एनआरसी का सख्त विरोध किया है। सरदार मजीठिया ने इसके बारे टिप्पणी करते हुए कहा कि आम लोगों को अनावश्यक कठिनाइयों में डालने के लिए एनआरसी जैसी किसी भी कार्रवाई का हम सख्त विरोध करते हैं। इसी दौरान पार्टी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का स्वागत किया, जिसमें उन्होने स्पष्ट किया है कि सरकार देश में एनआरसी लागू करने के बारे में अभी विचार नही कर रही है।
उन्होने बताया कि मुसलमानों को सीएएए में शामिल करने संबधी पार्टी चाहती थी कि सदन भारत सरकार से यह सिफारिश करने वाला प्रस्ताव पारित करे कि बाकी भाईचारों सिख, हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी के साथ मुस्लिम समुदायों को भी यह राहत देने के लिए सीएए में आवश्यक संशोधन किया जाना चाहिए।
उन्होने बताया कि अकाली दल यह भी चाहता था कि सदन सीएए के द्वारा तथा बाकी समुदायों को दी राहत का स्वागत करे तथा इसकी सराहना करे। इस संबधी अकाली दल ने आज पंजाब विधानसभा में इस विषय पर लाए सरकारी प्रस्ताव में संशोधन किए जाने के प्रस्ताव रखे थे। यह प्रस्ताव अकाली विधायक दल के नेता शरनजीत सिंह ढ़िल्लों द्वारा पेश किए गए थे।
इन प्रस्तावों में पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल द्वारा सीएए पर संसद में हुई बहस के दौरान लिए स्टैंड को दोहराया गया था। इस बारे टिप्पणी करते हुए सरदार मजीठिया ने कहा कि हम चाहते हैं कि मुसलमानों को भी सीएए का लाभ मिलना चाहिए, पर कांग्रेस यह लाभ उन सिखों तथा बाकी समुदायों तक पहुंचने से भी रोक रही है, जिन्हे लाभ मिलने जा रहा है।
सरदार मजीठिया ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं को सिखों को बताना पड़ेगा कि वह इस एक्ट के तहत् उन सिखों को मिलने वाली राहत को जानबूझ कर क्यों रोक रहे हैं, जिन्होने भारत में शरण लेने के लिए अफगानिस्तान से पलायन करके आना पड़ा है। यह सिख दूसरे दर्जे के नागरिक के तौर पर बेहद ही बुरे हालातों में रह रहे हैं, क्योंकि देश में उन्हे कानूनी नागरिकता प्राप्त नही है।
पाकिस्तान, बांगला देश तथा अफगानिस्तान से भारत पलायन करने को मजबरू सिख, हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई तथा पारसी समुदायों को दी गई राहत का स्वागत करते हुए अकाली दल ने कहा कि मुस्लिम भाईचारे के सदस्य खासतौर पर शिआ तथा अहमदियों को भी इन देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है तथा उन्हे बाकी पीड़ितों की तरह यह मानवीय राहत दिए जाने की आवश्यकता है।
पार्टी ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद सिंह द्वारा एनआरसी पर किए ऐलान को निरर्थक तथा खोखला राजनीतिक पैंतरा करार दिया है। सरदार मजीठिया ने कहा कि एनपीसी 1955 से मौजूद है, जिसमें 2013 में अन्य संशोघन किए गए थे। पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह तथा पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम द्वारा कही यह बात रिकाॅर्ड में पड़ी है कि एनपीसी में कुछ भी गलत नही है। इसी तरह इस मुद्दे पर कैप्टन का बयान ‘खोखली बयानबाजी’ है।
सरदार मजीठिया ने स्पीकर द्वारा कोने में लगी कांग्रेसी पार्टी की सहायता करने के लिए विरोधी आवाजों को दबाने के लिए इस्तेमाल किए गए हथकंडों को ‘लोकतंत्र का कत्ल’ करार दिया। उन्होने कहा कि सदन में आपातकाल जैसा माहौल था। उन्होने आप को छोटी कांग्रेस करार देते हुए कहा कि इसकी सदन में उपस्थिति सिर्फ पंजाब विरोधी तथा जनविरोधी कांग्रेस पार्टी के मरती के मुंह में पानी डालने के लिए होती है।

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