अकाली-भाजपा विधायक दल के सदस्यों ने कांग्रेस सरकार को कुंभकर्णी निद्रा से जगाने के लिए विधानसभा में झुनझुने बजाकर सरकार की पोल खोली

कहा कि लोगों की मांगे पूरी न करने के लिए ‘छोटी कांग्रेस-आप तथा असली कांग्रेस आपस में मिल गई हैं

चंडीग़/16जनवरीः शिरोमणी अकाली दल तथा भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के सदस्यों ने आज कांग्रेस सरकार को कुंभकंर्णीय निद्रा से जगाकर लोगों से किए वादे पूरे करने के लिए मजबूर करने के लिए विधानसभा में झुनझुने बजाकर सरकार की पोल खोली तथा राज्यपाल के भाषण के दौरान विधानसभा से वाॅकआउट किया।

अकाली विधायक दल के नेता सरदार शरनजीत सिंह ढ़िल्लों के नेतृत्व में अकाली-भाजपा विधायक दल के सदस्यों ने छोटी कांग्रेस-आप तथा असली कांग्रेस द्वारा लोगों की मांगे पूरी न करने के लिए आपस में की मिलीभगत की सख्त निंदा की। उन्होने कहा कि विपक्षी दल के नेता हरपाल चीमा को सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने की लगी है, जबकि चार आप विधायक-सुखपाल खैहरा, मास्टर बलदेव सिंह, निर्मल मानसाहिया तथा अमरजीत संदोआ सिर्फ अयोग्य ठहराए जाने से बचना चाहते हैं, इसीलिए लोगों द्वारा उनके साथ किए वादे पूरे करने संबधी उठाई जा रही आवाज को अनसुना किया जा रहा है।

पंजाब के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अकाली-भाजपा विधायक दल ने पहले विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने समाज के हर वर्ग के साथ विश्वासघात किया है। इसके बाद राज्यपाल के भाषण के दौरान कांग्रेस सरकार द्वारा राज्यपाल से पढ़ाए जा रहे झूठों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए विधायक अपनी सीटों से खड़े हो गए। इसके बाद उन्होने झुनझुने बजाते हुए विधानसभा से वाॅकआउट कर दिया।

विधानसभा के गलियारे में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए विधायक दल के नेता शरनजीत सिंह ढ़िल्लों ने कहा कि चाहे यह राज्यपाल का चैथा भाषण था, परंतु लोगों से किया एक भी वादा अभी तक पूरा नही किया गया है। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्ण कर्जा माफी का वादा पूरा न करने से पंजाब में किसान आत्महत्याओं में भारी वृद्धि हुई है। उन्होने कहा कि इसी तरह सरकार युवाओं से किए ‘घर घर नौकरी’ ,2500 रूपए महीना बेरोजगारी भत्ता तथा स्मार्ट फौन देने के लिए सभी वादों से मुकर चुकी है।

‘चाहता है पंजाब, कैप्टन से जवाब’ के नारों के दौरान सरदार शरनजीत सिंह ढ़िल्लों ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जातियों तथा समाज के गरीब वर्गों के साथ धोखा किया है। उन्होने कहा कि दलित छात्रों की छात्रवृत्ति बंद करके उन्हे उच्च स्तर की पढ़ाई करने से रोका गया है। उन्होने कहा कि इसी तरह सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा दलित उपभोक्ताओं को दी 200 यूनिट निःशुल्क बिजली की सुविधा भी अतिरिक्त लोड का बहाना बनाकर बंद कर दी गई है तथा उन्हे बिजली के मोटे बिल भेज दिए गए हैं। उन्होने बताया कि 51हजार रूपए की शगुन स्कीम का वादा अभी तक पूरा नही किया। इसी तरह आटा दाल स्कीम के साथ चीनी चायपत्ती का वादा भी अधूरा पड़ा है। यहां तक कि वृद्धावस्था पैंशन जैसी स्कीमों को सही ढ़ंग से लागू नही किया जा रहा है।

यह टिप्पणी करते हुए कि कांग्रेस सरकार द्वारा पंजाब के ज्वलंनशील मुद्दों पर चर्चा करने से इंकार किया जा रहा है, इसीलिए यह सत्र महज औपचारिकता है, सरदार ढ़िल्लों ने कहा कि राज्यपाल वी पी सिंह बदनौर भी राज्यपाल के भाषण के कई अनुच्छेद पढ़े बिना ही छोड़ दिए, क्योंकि वह पंजाब के लोगों की हो रही दुर्दशा से व्यथित थे। उन्होने कहा कि लोगों का बुरा हाल है तथा कर्मचारियों को 5000 करोड़ रूपए के डीए बकाया नही दिए जा रहे हैं तथा कांग्रेस सरकार संविधान का उल्लंघन करके नियुक्त किए सलाहकारों की फौज पर पानी की तरह पैसा बहा रही है। उन्होने छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट जारी न करने तथा ठेके पर रखे 27 कर्मचारियों को नियमित न करने के लिए भी कांग्रेस सरकार की सख्त निंदा की।

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