जेएंडके से डांडी के लिए चली बीएसएफ की न्यू इंडिया फिट इंडिया साइकिल रैली का दीनानगर पहुंचने पर भव्य स्वागत।

देशवासियों का प्रोत्साहन ही सीमा प्रहरियों की ताकत: डीआईजी जोशी

गुरदासपुर, 19 अगस्त। सीमा सुरक्षा बल द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर जम्मू कश्मीर के आरएसपुरा की ऑक्ट्राय बार्डर पोस्ट से शुरू की गई न्यू इंडिया फिट इंडिया साइकिल रैली का दीनानगर पहुंचने पर शांति देवी आर्य महिला कालेज में शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के सहयोग से प्रिंसिपल डॉ. रीना तलवाड़ और परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की के नेतृत्व में स्वागत किया गया।कॉलेज आडीटोरियम में आयोजित देशभक्ति पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में बीएसएफ सेक्टर हेडक्वार्टर गुरदासपुर के डीआईजी प्रभाकर जोशी कार्यक्रम के मुख्यातिथि शामिल हुए। जबकि बीएसएफ हेडक्वार्टर गुरदासपुर के कमांडेंट एनएस औजला, माधोपुर स्थित 58 बटालियन के कमांडेंट एन गांगुली, 121 बटालियन के टूआईसी हिमांशु उंडेरिया, डिप्टी कमांडेंट एन बक्सला, डिप्टी कमांडेंट एके झा, डिप्टी कमांडेंट रजनीश कुमार, डिप्टी कमांडेंट मंगल सिंह, एसी एनके झा, एसी डॉ. सुशांत शर्मा, एएसी महिंदर सिंह, कालेज सचिव धर्मइंदु गुप्ता विशेष मेहमान थे।

बीएसएफ जवानों की चौकस निगाहों की बदौलत देशवासी चैन की नींद सो पाते हैं:डीआईजी जोशी 

अपने संबोधन में डीआईजी प्रभाकर जोशी ने छात्राओं के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि आपका प्रोत्साहन ही हमारी फोर्स की ताकत है। यही जज्बा हमारे जवानों में बार्डर पर मर मिटने का जज्बा पैदा करता है। बीएसएफ जवानों की चौकस निगाहों की बदौलत देशवासी चैन की नींद सो पाते हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ में भांति भांति के प्रदेशों और भाषा वाले जवान राष्ट्र को सर्वोपरि रखते हुए कठिन परिस्थितियों में भी अपनी ड्यूटी को तनदेही के साथ निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त के दिन शुरू की गई साइकिल रैली 1993 किलोमीटर का सफर तय कर दो अक्तूबर को गांधी जयंती पर गुजरात के नवसारी स्थित डांडी में पहुंच कर संपन्न होगी। इस रैली का उद्देश्य एक भारत श्रेष्ठ भारत, आत्मनिर्भर भारत, क्लीन विलेज ग्रीन विलेज, स्वच्छ पर्यावरण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, देश भक्ति की भावना का संदेश देना है।

देश के रियल हीरो हैं हमारे सीमा प्रहरी:रविंदर विक्की

शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल को देश की फर्स्ट डिफेंस लाइन का सुरक्षा कवच माना जाता है। इसके जवान सरहद पर भीषण परिस्थितियों में भी 24 घंटे चौकसी के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहा है। लेकिन कभी किसी से शिकायत तक नहीं करते। वहीं देशवासियों को भी इनकी कर्तव्य निष्ठा पर अटूट विश्वास है कि इनके होते दुश्मन हमारी सरहद की तरफ आंख उठा कर देख नहीं सकता। सही मायनों में यह देश के रियल हीरो हैं। उन्होंने कहा कि देश की सरहद की सुरक्षा का जिम्मा निभाने के साथ साथ बीएसएफ समाज के प्रति भी अपने कर्तव्यों का बखूबी निवर्हन कर रही है। साइकिल रैली इसी मिशन का एक हिस्सा है। ताकि देश की जनता उनसे प्रेरित होकर एक स्वस्थ व मजबूत राष्ट्र की स्थापना में अपना योगदान दे सके।   

जबकि प्रिंसिपल डॉ. रीना तलवाड़ ने कहा कि बीएसएफ के जवानों का स्वागत करते हुए उन्हें गर्व महसूस हो रहा है। सरहद की रक्षा करने वाले सीमा प्रहरियों के कदम इस सरहदी क्षेत्र में स्थित कालेज के प्रांगण में पड़ने से खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ की इस साइकिल रैली से हमें प्रेरणा लेकर अपने राष्ट्र की प्रगति के लिए समर्पित भाव से कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए। 

स्वागत ने हमारी थकान गायब कर दी: सहायक कमाडेंट एनके झा

साइकिल रैली का हिस्सा बनकर साथ चल रहे सहायक कमाडेंट एनके झा ने कहा कि जिस प्रकार का स्वागत कर अपनेपन का अहसास कालेज की छात्राओं और शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद ने दिया है उससे उनकी अब तक की यात्रा की सारी थकान उतर गई है और लक्ष्य की तरफ बढ़ने की एक नई स्फूर्ति जवानों में पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे जवान रोजाना 80 किलोमीटर साइकिल यात्रा करते हैं और पांच से दस किलोमीटर दौड़ भी लगाते हैं। 

इस कार्यक्रम में पुलवामा शहीद सिपाही मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही मनदीप कुमार के पिता नानक चंद, शहीद जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार और शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पित हंस राज को डीआइजी ने सम्मानित किया। जबकि परिषद की तरफ से डीआईजी प्रभाकर जोशी और प्रिंसिपल डॉ. रीना तलवाड़ को सम्मानित किया गया। कालेज की तरफ से तमाम बीएसएफ अधिकारियों को सम्मानित किया गया। मंच संचालन मनीता काहलों ने किया। इस मौके पर सूबेदार शक्ति सिंह पठानिया, सूबेदार मेजर शाम सिंह, पीआरओ डॉ. कुलविंदर कौर छीना, डॉ. सुषमा गुप्ता, अंजना कपूर, सुनीता वर्मा, संगीता मल्होत्रा, दीपक ज्योति, रणदीप कौर आदि मौजूद थे।  

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