शहीद मनप्रीत जैसे जांबाजों के अमिट बलिदानों का राष्ट्र रहेगा सदैव ऋणी- डीएसपी सैनी

नौवें श्रद्धांजलि समारोह पर नम आंखों से स्मरण किए गए मनप्रीत

गुरदासपुर 17 अगस्त । भारतीय सेना की 6 सिख यूनिट के शहीद सिपाही मनप्रीत सिंह का नौवां श्रद्धांजलि समारोह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की की अध्यक्षता में गांव धमराई के गुरुद्वारा साहब में आयोजित किया गया। जिसमें डीएसपी महेश सैनी बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद के भाई गुलजार सिंह, भाभी रूपिंदर कौर, बहनें जसविंदर कौर, राजविंदर कौर व कुलविंदर कौर, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंद्र सिंह, पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही कुलदीप कुमार के पिता बंत राम,शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, सरपंच राजेंद्र सिंह काहलों, आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम शहीद के नाम पर बने सरकारी मिडल स्कूल में मुख्य अतिथि एवं अन्य मेहमानों द्वारा शहीद की याद में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर उसे सलामी दी गई। उसके बाद गुरुद्वारा साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा वैरागमयी कीर्तन कर शहीद को नमन किया गया। 

श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य मेहमान डीएसपी महेश सैनी ने कहा कि शहीद मनप्रीत सिंह जैसे जांबाज सैनिक देश के सिरमौर हैं तथा इनके अमिट बलिदानों का राष्ट्र हमेशा ऋणी रहेगा, मगर इनके परिजनों को उचित मान सम्मान देकर हम इन शहीदों का कर्ज चुका सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज ऐसे सीमा प्रहरियों के अदम्य साहस की बदौलत ही देश का आम नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस करता है क्योंकि इनके रहते कोई भी दुश्मन हमारे देश की एकता एवं अखंडता को भंग करने का साहस तक नहीं कर सकता। उन्होंने कहा शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद द्वारा शहीदों के सम्मान में इस तरह के समारोह आयोजित करने का जो बीड़ा उठाया है उससे शहीद परिवारों का मनोबल बढ़ता है तथा ऐसे समारोहों में शामिल होकर हर इन्सान का सिर श्रधा से इन शहीद परिवारों के चरणों में खुद व खुद झुक जाता है।

जिस तिरंगे में लिपट कर आया था मनप्रीत उसे ही फहराया जाता है शहीदी दिवस पर- कुंवर विक्की

कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि 9 साल पहले शहीद सिपाही मनप्रीत की पार्थिव देह जिस तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंची थी तथा जिसे सेना के अधिकारियों ने परिवार को भेंट  किया था उसे परिवार ने सहजता से संभाल कर रखा हुआ है तथा मनप्रीत के हर शहीदी दिवस पर उस तिरंगे को फहराने के बाद ही श्रद्धांजलि समारोह की शुरुआत होती है। उन्होंने कहा कि परिवार को आज भी इस तिरंगे में शहीद मनप्रीत के स्पर्श की अनुभूति होती है। तथा वह मनप्रीत के भाई गुलजार सिंह व बहनों को दिल से सैल्यूट करते हैं जिन्होंने शहीद बेटे के गम में चल बसे माता पिता के बाद भी मनप्रीत की शहादत को जिंदा रखा हुआ है। उन्होंने कहा शहीद कभी नहीं मरते हमेशा अमर रहते हैं,मगर एक शहीद की मौत तब होती है जब देशवासी व सरकारें, उसकी शहादत को भुला देती हैं। इस मौके पर मुख्य अतिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित 6 अन्य शहीद परिवारों को दोशाले व स्मृति चिन्ह भेंट  कर सम्मानित किया गया।  इस मौके पर बलविंदर सिंह, पूर्व सरपंच स्वर्ण सिंह, सतनाम सिंह,कंवलवीर सिंह,गुरमेज सिंह,हरवेल सिंह, मास्टर देस राज, आदि उपस्थित थे।  

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