सरकारी अस्पतालों के साथ साथ सिविल सर्जन दफ्तर भी किया बंद

गुरदासपुर, 2 अगस्त (मनन सैनी)। नाॅन प्रेटिक्स अलाउंस (एनपीए) कम किए जाने से नाराज सरकारी डाक्टरों की ओर से पीसीएमएस एसोसिएशन के आह्वान पर डाक्टरों ने एक बार फिर सडक़ों पर उतरकर सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया। सोमवार को डाक्टरों ने सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी छोड़ शेष सभी मेडिकल सेवाएं ठप रखी। इसके साथ सिविल सर्जन कार्यालय का घेराव कर उसे भी बंद कर दिया गया।

डाक्टरों का कहना है कि सरकार द्वारा जब तक उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया जाता,तब तक वह किसी तरह की सेवाएं शुरु नहीं करेंगे। उधर डाक्टरों की हड़ताल के कारण अस्पताल में मेडिकल सेवाएं और सिविल सर्जन कार्यालय में काम न होने की लोगों को पहले से जानकारी होने के चलते मरीज व अन्य लोग अस्पताल में नामात्र ही पहुंचे। अस्पतालों व सिविल सर्जन कार्यालय में काम पूरी तरह से ठप रहने के कारण सरकार को भी लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।

पीसीएमएस एसोसिएशन के जिला प्रधान डा.लव कुमार हंस ने कहा कि पहले अस्पतालों में कामकाज ठप रखकर हड़ताल की जा रही थी। लेकिन अब सरकार की तीसरी आंख कहलाए जाने वाले सिविल सर्जन कार्यालय को भी बंद करवाया गया है,ताकि सेहत संबंधी सभी कार्य पूरी तरह से ठप किए जा सकें। तभी तो सरकार उनकी मांगों की तरफ ध्यान देगी। उन्हें पता है कि उनकी हड़ताल के कारण मरीजों व अन्य लोगों को परेशानी हो रही है,परंतु सरकार अपनी जिद्द नहीं छोड़ रही। जिस कारण उन्हें मजबूरन हड़ताल करनी पड़ रही है।

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