एनपीए को घटाने के फैसले के विरोध में पंजाब सरकार के खिलाफ भडक़े डाक्टर

डाक्टरों ने रोष प्रदर्शन करने के बाद पंजाब सरकार को भेजा मांग पत्र 

गुरदासपुर, 23 जून (मनन सैनी)। डाक्टरों को मिल रहा 25 फीसदी एनपीए को घटना के विरोध में ज्वाइंट पंजाब गवर्नमेंट डाक्टर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के आहवान पर अलग अलग संगठनों ने रोष प्रदर्शन करने के बाद डीसी गुरदासपुर के जरिए पंजाब सरकार को मांग पत्र भेजा।

डा. सुशील, डा. अशोक, डा. पूजा, डा. हरजिंदर, डा. अरविंद, डा. शाम सिंह ने संयुक्त तौर पर बताया कि अभी तक पंजाब सरकार अपने सरकारी डाक्टरों को प्राथमिक वेतन के 25 फीसदी के बराबर एनपीए देती आ रही है। यह एनपीए हर लाभ के लिए प्राथमिक वेतन का हिस्सा माना जाता रहा है। मगर बड़े दुख की बात है कि पंजाब सरकार द्वारा गठित छठे वेतन कमिशन ने यह सिफारिश की है कि एनपीए को 25 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया जाए और प्राथमिक वेतन के अलावा कोई भी भत्ता प्राथमिक वेतन का हिस्सा न बनाया जाए। कोरोना काल के दौरान डाक्टरों से यह एक धक्का है। सरकारी डाक्टरों सहित समूह सेहत व पशु पालन विभाग ने इस महामारी के दौरान सही अर्थो में योद्धा बनाकर काम किया है और कर रहे है। सैंकड़ो डाक्टर इस महामारी के दौरान कोरोना संक्रमित हुए है और कुछ डाक्टर तो अपनी जान भी गंवा चुके है। लेकिन उनकी हौंसला अफजाई करने की बजाए सरकार उनके वेतन घटाकर आर्थिक शोषण करने जा रही है। उन्होने मांग की कि इस फैसले को तुरंत रद्द किया जाए।

ये है मांगे-

–पहले से की मांग अनुसार एनपीए 33 फीसदी किया जाए।

–एनपीए को पहले की तरह प्राथमिक वेतन का हिस्सा माना जाए।

–एनपीए को प्राथमिक वेतन का हिस्सा मानते हुए पेंशन फिक्स की जाए।

–कोरोना महामारी से लडऩे वाले डाक्टरों को स्पेश भत्ता दिया जाए।

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