रुरल मेडिकल अफसरों की ओर से कोविड़ एमरजैंसी सेवाएं के बाईकाट का ऐलान

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ग्रामीण डिस्पेंसरियों में काले बिल्ले लगा कर ओपीडी सेवाएं निभाएंगे आरएमओ 

गुरदासपुर, 10 मई । पिछले दिनों मिले पंचायत मंत्री के भरोसे के बावजूद मांगे न माने जाने से खफा पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग अधीन काम कर रहे जिला परिषद के रुरल मेडिकल अफसरों ने कोविड़ एमरजैंसी सेवाएं छोड़ कर अपनी बुनियादी ग्रामीण डिस्पेंसरों में काले बिल्ले लगा कर ओपीडी सेवाएं निभाने का एलान किया है। 

गौर रहे कि आरएमओं की ओर से इससे पहले कोविड़ कामों के बाईकाट का एलान करते हुए 26 अप्रैल से मोहाली मुख्य दफतर में धरना लगाने का एलान किया गया था। परन्तु मंत्री बाजवा की ओऱ से दिए गए भरोसे के बाद यह धरना 29 अप्रैल तक टाल दिया गया। रुरल मेडिकल सर्विंस एसोसिएशन के राज्य प्रधान डा जे पी नरुला ने कहा कि करीब माह पहले डीएसीपी की मांग मनवाने के लिए उक्त बाईकाट का एलान किया गया था। जोकि पंचायत मंत्री के भरोसे तथा कोरोना की गंभीर स्थिती को देखते हुए उसे रद्द कर दिया गया था। परन्तु अब एक माह के बाद भी पंजाब सरकार की ओर से मांगे स्वीकार नही की जा रही ।ॉ

उन्होने कहा कि साल 2006 से ग्रामीण डिस्पेंसरियों में सेवा निभा रहे है जहां आम तौर पर कोई भी एमबीबीएस डाक्टर नही टिकता। उन्होने कहा कि अच्छी कार्य को देखते हुए एक मई 2011 से उन्हे रेगुलर कर दिया गया था। परन्तु 2015 में डीएसीपी के तहत वेतन में चार साल का इजाफा करना बनता था। जो अभी तक नही किया गया। उन्होने कहा कि अब मई 2020 निकलने के कारण 9 साल का इजाफा देना बनता है। परन्तु सरकार इसमें आनाकानी कर रही है। जिसके चलते सरकार के रवईए को लेकर रुरल मेडिकल अफसरों में भारी रोष है और वह संघर्ष के लिए मजबूर है। 

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