सिख जत्थे को श्री ननकाना साहिब जाने की अनुमति देने से इंकार करना सिख समुदाय पर हमला करने समान: सुखबीर बादल

केंद्र चाहता है कि सिख समुदाय दिल्ली की सीमाओं पर खेती कानूनों का विरोध कर रहे सिखों को वापिस बुलाए, लेकिन ऐसा कभी नही होगा- जत्थेदार अकाल तख्त

गोधरपुरा(गुरदासपुर)/21फरवरी: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि गुरुदारा सुधार लहर के दौरान सिखों के कत्लेआम की 100वीं वर्षगांठ मनाने के लिए श्री ननकाना साहिब जाने के लिए एक सिख जत्था को अनुमति देने से इंकार करने का केंद्र सरकार का फैसला सिख समुदाय पर हमले के समान है।

केंद्र सरकार यह स्पष्ट करें कि उसने इस यात्रा से एक दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब जत्थेदार के नेतृत्व में जाने वाले जत्थे को अनुमति देने से इंकार क्यों कर दिया था, अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि इससे पहले नवंबर में इसी तरह का जत्था पाकिस्तान गया था। उन्होने मुख्यमंत्री से यह भी पूछा कि उन्होने केंद्र से जत्थे को अनुमति देने की जरूरत का मुददा क्यों नही उठाया ?

सुखबीर सिंह बादल जोकि ननकाना साहिब की 100वी वर्षगांठ के अवसर पर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा आयोजित शताब्दी समारोह में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सिख समुदाय दुनिया भर में ‘सेवा’ तथा ‘शहादत’ के लिए जाना जाता है। उन्होने कहा कि सिख समुदाय ने देश की आजादी के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानियां दी हैं तथा यहां तक कि महात्मा गांधी ने भी‘ छब्बियां दा मोर्चा’ को आजादी की पहली लड़ाई के रूप में मान्यता दी थी।

साका ननकाना साहिब के अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए सरदार बादल ने कहा कि आज ही के दिन ‘महंतो’ से गुरुघाम का नियंत्रण ले लिया था। उन्होने कहा कि शहीद लक्ष्मण सिंह धारोवाली के नेतृत्व में सिखों के कत्लेआम से गुरुद्वारों को महंतो से मुक्त कराया था।

इस अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि भाजपा लीडरशीप वाली केंद्र सरकार ने सिखों को श्री ननकाना साहिब वाली केंद्र सरकार ने सिखों को श्री ननकाना साहिब जाने से उसी तरह से रोक दिया, जिस तरह अंग्रेजों ने करतार सिंह झब्बर के नेतृत्व में जत्थे को रोक दिया था जो महंतों के नियंत्रण से गुरुद्वारे को मुक्त कराने के लिए गया था। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार ने श्री ननकाना साहिब जाने वाले जत्थे को अनुमति देने से इंकार कर दिया क्योंकि वे चाहते हैं कि किसान अपने उन सदस्यों को वापिस बुला लें जो दिल्ली बाॅर्डर पर बैठे हैं तथा तीनों खेती कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उन्होने कहा कि अगर केंद्र सरकार हर साल सिख जत्थों को हर साल जाने से मना करती है तब भी ऐसा कभी नही होगा।

सिख समुदाय को एकजुट होने की अपील करते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि ‘ आज हम आपस में लड़ रहे हैं। यदि हम ऐसा ही करते रहे तो हमारा अस्तित्व दांव पर लग जाएगा। उन्होने अब देश में ध्रुवीकरण की राजनीति की भी निंदा करते हुए कहा कि भविष्य में अल्पसंख्यकों को परेशान किया जा सकता है । उन्होने कहा कि हमें एकजुट होकर इसे विफल करने के लिए राजनीतिक रूप से शक्तिशाली बनना चाहिए।

एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने इस अवसर पर बोलते हुए सिखों से शिरोमणी कमेटी के बैनर तले एकजुट होने के लिए कहते हुए कहा कि सभी को सिख धर्म के सिद्धांतो पर चलने तथा इसके शिक्षण व संगठनों पर गर्व करने की अपील की। उन्होने यह भी घोषणा की कि एसजीपीसी विभिन्न संस्थानों में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों चलाएगी तथा माता इंद्रजीत कौर की याद में गुरु का लंगर हाॅल का निर्माण भी करेगी तथा उनके गांवों में ननकाना साहिब के शहीदों की याद में एक पुस्तकालय भी बनाया जाएगा।

इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक तथा राजनीतिक हस्तियों के साथ साथ शहीद लक्षमण सिंह धारोवाली तथा अन्य शहीद परिवारों के परिजनोें को भी सम्मानित किया गया। तख्त केशगढ़ साहिब जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह तथा वरिष्ठ अकाली नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ तथा बिक्रम सिंह मजीठिया तथा डाॅ. दलजीत सिंह चीमा भी उपस्थित थे।

Exit mobile version