मंडी गोबिन्दगढ़ निवासी बलविन्दर सिंह जाली फर्में बनाने और इनके संचालन के आरोप में गिरफ्तार

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पिता -पुत्र ने दिल्ली और राजस्थान में कई जाली फर्में बनाईं, 200 करोड़ से अधिक जाली बिलिंग होने का शक

चंडीगढ़, 10 फरवरीः पंजाब राज्य जी.एस.टी. के जांच विंग के अधिकारियों की तरफ से आज बलविन्दर सिंह (उर्फ बाबू राम) पुत्र पारस राम निवासी मंडी गोबिन्दगड़, जिला फतेहगड़ साहिब को पंजाब, दिल्ली और राजस्थान समेत अलग-अलग राज्यों में जाली फर्में बनाने और इनके संचालन के दोष में गिरफ्तार किया गया। प्राथमिक तौर पर की गई पड़ताल में उसकी तरफ से सरकार के साथ टैक्स की अदायगी के मामले में 8.95 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये आज यहाँ पंजाब सरकार के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कमिशनर स्टेट टैक्स की तरफ से जीएसटी एक्ट की धारा 69 के अधीन धारा 132 (1) (ए), (बी) और (सी) का उल्लंघन करने के दोष में बलविन्दर सिंह पुत्र पारस राम और उसके पुत्र प्रिंस धीमान की गिरफ्तारी के लिए एक हुक्म जारी किये गए थे।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि विभाग की टीमों से तरफ से मुलजिम की रिहायश समेत कई स्थानों पर तलाशी और जब्ती के लिए कार्यवाहियां की गई जिससे पंजाब और बाहरी राज्यों में लोहे के कबाड़ और तैयार माल से सम्बन्धित फर्मों के निर्माण की कार्य विधि और इसके उपरांत पंजाब राज्य के अलग-अलग लाभार्थीयों को माल देने से पहले अपने नाम या अन्य व्यक्तियों और पारिवारिक सदस्यों के नाम के तहत बनी अन्य फर्मों को माल देने सम्बन्धी जाली बिलिंग के सबूत जुटाए जा सकें।

उन्होंने कहा कि पिछले साल दोषी की तरफ से चलाई जा रही एक फर्म (सुविधा ऐंटरप्राईजेज़) जोकि कारोबार की असली जगह पर ना-मौजदू था, सम्बन्धित अधिकारी की तरफ से को इस फर्म को रद्द किये जाने के बाद विभाग को मुलजिम के बारे जानकारी मिली थी। इसके बाद विस्तृत जांच से पता लगा है कि दोषी ने 4 अन्य ऐसी फर्जी फर्में बनाईं थी, जिनमें दिल्ली और राजस्थान में एक-एक फर्म चलाई जा रही थी जहाँ 125 करोड़ रुपए से अधिक की जाली बिलिंग की गई और सरकारी खजाने को 15 करोड़ रुपए (लगभग) से अधिक चूना लगाया गया था। जिक्रयोग्य है कि लोहे का कबाड़ (आयरन स्क्रैप) लेकर जाने वाले एक वाहन को राज्य जी.एस.टी. के इंफोरसमैंट अधिकारियों की तरफ से भी रोका था और इस सम्बन्धी की गई जांच से यह सुराग सामने आए हैं कि मुलजिम की तरफ से ऐसी लगभग 30 अन्य फर्मों चलाईं जा रही थीं जिनकी पड़ताल जारी है। पिता-पुत्र की जोड़ी की तरफ से संचालित इन फर्मों के द्वारा जुटायी कुल जाली बिलिंग की राशि 200 करोड़ से अधिक होने का अंदेशा है।  

दोषी को आज सहायक कमिशनर, एमडब्ल्यू पटियाला के नेतृत्व वाली टीम की तरफ से जी.एस.टी एक्ट की धारा 132 का उल्लंघन करने के दोष के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया और इस कार्यवाही में डिप्टी कमिशनर स्टेट टैक्स, लुधियाना का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। दोषी को सी.जे.एम. फतेहगढ़ साहिब की अदालत में पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अलग-अलग लाभार्थीयों के खिलाफ कार्यवाही भी आरंभ की जा रही है। अन्य दोषियों को गिरफ्तार करने सम्बन्धित प्रयास तेज हैं और आगे जांच जारी है।

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