कृषि कानूनों के विरोध में आम आदमी पार्टी राष्ट्रपति के अभिभाषण का करेगी बहिष्कार

आप के सभी सांसद अभिभाषण कार्यक्रम में नहीं होंगे शामिल – भगवंत मान

काले कृषि कानूनों के जरिए मोदी सरकार ने खेती-किसानी को अपने साथी उद्दोगपतियों के हाथो बेचा – भगवंत मान

चंडीगढ़, 28 जनवरी । किसानों को अपना समर्थन देने और तीनों नये कृषि कानूनों के विरोध में आम आदमी पार्टी 29 जनवरी को बजट सत्र से पहले होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी। आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने वीरवार को कहा कि आम आदमी पार्टी पहले दिन से ही तीनों काले कृषि कानूनों का विरोध करती आयी है। उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए महामारी के दौरान चोर दरवाजे से मोदी सरकार के द्वारा इन तीनों काले कानूनों को ऑर्डिनेंस के जरिए लाया गया। इन काले कानूनों के जरिये मोदी सरकार ने पूरे देश की किसानी और किसानों को अपने साथी उद्योगपतियों के हाथों बेच दिया है। हम और हमारी पार्टी ऐसे गैरलोकतात्रिक फैसले और जनविरोधी कानूनों का पुरजोर विरोध करते हैं।

मान ने कहा, हमने हर मंच पर चाहे संसद में विरोध दर्ज कराना हो, गांधी प्रतिमा के नीचे सांसदों द्वारा रात गुजारनी हो, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली विधानसभा में काले कानूनों की प्रतियां फाडऩी हो या सेवादार के रुप में सिंघु बॉर्डर काले कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान बंधुओं की सेवा करनी हो, पूरी शिद्दत के साथ हमारी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इन काले कानूनों का विरोध किया और आंदोलन कर रहे किसानों का हरसंभव मदद और समर्थन करने का प्रयास किया है। इसी श्रृंखला में पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी ने निर्णय लिया है कि बजट सत्र से पहले संसद में 29 जनवरी को होने वाले महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का आम आदमी पार्टी बहिष्कार करेगी। पार्टी के राज्य सभा के तीनों सांसद और लोक सभा के सांसद राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। हमलोग शुरु से ही तीनों काले कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और आगे भी तब तक करते रहेंगे जब तक मोदी सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती।
 

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