लाल किले की हिंसा में भाजपा की भूमिका का ढीकरा कांग्रेस के सिर पर फोडऩे की कोशिश कर रहे हैं जावडेकर-कैप्टन अमरिन्दर सिंह

captain amrinder singh

Ex CM Punjab Capt Amarinder Singh talking with media persons at Press Club in Chandigarh on Friday, July 29 2016. Express photo by Jasbir Malhi *** Local Caption *** Ex CM Punjab Capt Amarinder Singh talking with media persons at Press Club in Chandigarh on Friday, July 29 2016. Express photo by Jasbir Malhi

जब ट्रैक्टर रैली निकालने की आधिकारित तौर पर ही इजाज़त थी, तो संघर्षशील किसानों को जाने से मैं कैसे रोक सकता था?

क्या राहुल गांधी ने किसी को लाल किले पर चढऩे के लिए कहा था? सत्य तो यह है कि भाजपा और आप समर्थकों को हिंसा वाली जगह पर देखा गया

चंडीगढ़, 28 जनवरी: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज लाल किले की हिंसक घटना की जि़म्मेदारी किसी अन्य के सिर मढऩे की घिनौनी और निराशाजनक कोशिश के लिए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर पर तीखा हमला बोला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना को स्पष्ट तौर पर श्री जावडेकर की अपनी भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों और वर्करों ने आम आदमी पार्टी के साथ मिलीभुगत करके भडक़ाया था, जबकि इस समूचे घटनाक्रम में कांग्रेस तो कहीं भी नहीं थी। जावडेकर द्वारा कांग्रेस पार्टी और पंजाब में उनकी सरकार के खि़लाफ़ लगाए गए बेबुनियाद दोषों का सख़्त जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लाल किले पर निशान साहिब लहराते समय कैमरे में कैद हुए चेहरे कांग्रेस के नहीं, बल्कि भाजपा और आप के वर्करों और समर्थकों के हैं।’’ कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने यह टिप्पणी उस समय की जब दिल्ली पुलिस ने भाजपायी सांसद सनी देओल के नज़दीकी दीप सिद्धू को हिंसा के लिए भडक़ाने वालों में से एक के तौर पर पहचाना गया है और आप का मैंबर अमरीक मिक्की भी हिंसा वाली जगह पर उपस्थित था।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि किसी किस्म की अराजकता में लाल किले पर कांग्रेस का एक भी नेता या वर्कर नहीं देखा गया। उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि 26 जनवरी को घटी इस घटना के लिए किसान भी जि़म्मेदार नहीं हैं और बिना शक समाज विरोधी तत्वों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया, जिन्होंने ट्रैक्टर रैली में घुसपैठ कर ली थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा निष्पक्ष जाँच की जानी चाहिए, जिससे किसी भी राजनैतिक पार्टी या यहाँ तक कि किसी तीसरे मुल्क, जिसके बारे में भाजपा के नेताओं द्वारा दोष लगाए जा रहे हैं, की संभावित भूमिका का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह भी यकीनी बनाया जाए कि गुनाहगारों को सज़ा मिले और असली किसानों को बिना वजह परेशान या बदनाम न किया जाए। राहुल गांधी पर हिंसा के लिए उकसाने के लगाए गए दोषों के लिए केंद्रीय मंत्री पर बरसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘क्या कांग्रेसी नेता ने किसी को लाल किले पर चढऩे के लिए कहा था? उन्होंने ऐसा नहीं किया। बल्कि ये भाजपा और आप के लोग थे, जिन्होंने यह सब कुछ किया।’’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इस हिंसा की तुरंत निंदा की थी और यह भी स्पष्ट किया था कि हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है। जावडेकर के दोषों को ख़ारिज करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘इन दोषों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है, बल्कि भाजपा नेता द्वारा हिंसा में अपनी पार्टी का हाथ होने के कारण पर्दा डालने के लिए दोष मढऩे की कोशिश की गई।

भाजपा स्थिति को संभालने में बुरी तरह नाकाम सिद्ध हुई है, जिन्होंने ख़ुद ही सबसे पहले काले कृषि कानूनों को अपने मनमाने ढंग से लागू करके ऐसे हालात पैदा किए।’’ केंद्रीय मंत्री द्वारा पंजाब सरकार पर ट्रैक्टर रैली में किसानों को रोकने में नाकाम रहने के बारे में दिए गए बयान का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘शांतमयी किसानों को प्रदर्शन करने के अपने लोकतांत्रिक हक का प्रयोग करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में जाने से मैं कैसे रोक सकता हूँ।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैक्टर रैली की आधिकारित तौर पर इजाज़त दिल्ली पुलिस द्वारा दी गई थी, जिस कारण पंजाब सरकार द्वारा रैली में जाने से किसानों को रोकने का कोई कारण ही नहीं बनता। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली की सरहदों पर किसानों के जाने पर रोक थी तो फिर केंद्र सरकार, जिसका जावडेकर भी हिस्सा हैं, को किसानों को रास्ते में रोकने के लिए हरियाणा के अपने भाजपायी मुख्यमंत्री को निर्देश दिए जाने चाहिए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की सरहदों पर बैठने से पहले पंजाब में किसानों ने पिछले कई महीनों से बिना कोई गड़बड़ी पैदा किए शांतमयी ढंग से संघर्ष किया और दिल्ली की सरहदों पर भी 26 जनवरी की घटना से पहले दो महीने तक किसानों ने मुकम्मल तौर पर अमन-शान्ति कायम रखी। उन्होंने कहा कि हिंसा का दोष पंजाब सरकार या कांग्रेस पार्टी पर मढ़ देना स्पष्ट तौर पर भाजपा लीडरशिप की ध्यान भटकाने की चाल है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि इन सभी महीनों के दौरान जब पंजाब में किसानों ने रेलवे ट्रैक रोके थे तो मैने प्रधानमंत्री और मंत्रियों समेत केंद्रीय लीडरशिप तक बार-बार पहुँच करके उनको संकट में दख़ल देकर इसको सुलझाने के लिए कहा था। उन्होंने कहा, ‘‘परन्तु किसी ने भी हमारी परवाह नहीं की। न तो मेरी बात सुनी गई और न ही आंदोलनकारी किसानों की जो अपनी होंद की लड़ाई लड़ रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि संघर्ष कर रहे किसानों, जिनमें से बहुत से इन्साफ की लड़ाई लड़ते हुए मृत हो चुके हैं, के दुख और पीड़ा के प्रति भाजपा और केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता मुल्क के लिए बहुत बड़े घाटे का कारण बनी हुई है। उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा को अपने अहंकार का त्याग करके कृषि कानून रद्द करने के बारे में किसानों की जायज़ माँग स्वीकार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को दो सालों के लिए स्थगित कर सकती है, तो इनको साधारण ढंग से रद्द करके किसानों और अन्य पक्षों के साथ सलाह-मश्वरा करके नए कानून क्यों नहीं ला सकती।

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