SC ने केंद्र सरकार को दिया बड़ा झटका, तीनों कृषि कानूनों के अमल को किया स्थगित, कमेटी गठित

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मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में किसान आंदोलन को लेकर दूसरे दिन की सुनवाई हो रही है, जिसमें केंद्र सरकार को बड़ा झटका देते हुए तीनों कृषि कानूनों को अमल को लाने में कमेटी गठित कर दी है। इस कमेटी में कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, भूपिंदर सिंह मान (बी.के.यू) , प्रमोद जोशी (डायरेक्टर साउथ एशिया अंतराष्ट्रीय फूड़ सोसायटी) तथा अनिल धनवंत (सेठकारी संगठन) हैं जिनका उल्लेख CJI ने समिति के सदस्यों के रूप में किया है।

कल भी किसान आंदोलन को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी लेकिन फैसला नहीं सुनाया गया था। दूसरे दिन की सुनवाई में मुख्य न्यायधीश एसए बोबडे, किसानों के वकील और सरकार के वकील की ओर से क्या कहा जा रहा है

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि कमेटी के गठन का सरकार स्वागत करती है। भारतीय किसान संघ ने भी कमेटी बनाने का समर्थन किया है।

सोमवार को सुनवाई में कोर्ट ने कानूनों के अमल पर रोक लगाने की बात कही
बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकारा था और कहा था कि वो केंद्र सरकार के इस मुद्दे को हैंडल करने के तरीके के काफी निराश है। 

कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई करने के दौरान मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि वो कानून पर तो रोक नहीं लगा सकते लेकिन कानून के अमल होने पर रोक लगा सकते हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि या तो आप कानून को अमल करने पर रोक लगाएं या फिर हम लगा देंगे। इसके अलावा कोर्ट ने एक समिति बनाने का भी सुझाव दिया था।

इस पर सरकार के वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल ने कहा कि कोर्ट का इतिहास रहा है कि उसने संसद से पास किसी भी कानून पर कोई रोक नहीं लगाई है। इसके अलावा कोर्ट ने समिति में शामिल होने के लिए किसान संगठनों की सहमति की मांग भी की। सरकार ने सोमवार को एक हलफनामा दायर किया, जिसमें बताया गया कि वो कानून को निरस्त नहीं करेंगे। 

कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकारते हुए कहा कि अगर आंदोलन में किसी तरह की हिंसा हो जाती है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। कोर्ट ने आगे कहा कि आंदोलन में लोग मर रहे हैं और हम इसका हल नहीं निकाल रहे हैं। इसके अलावा कोर्ट ने सरकार से इसका समाधान निकालने के लिए कहा और किसानों के हित के उद्देश्य से एक समिति बनाने की बात कही।

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