पंजाब सरकार कुल टैस्टों के 5 प्रतिशत सैंपल आईजीआईबी, एनसीडीसी और देश के अन्य प्रमुख संस्थाओं को भेजकर सारस-कोव-2 वायरस की कराएगा जाँच

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चंडीगढ़, 30 दिसंबर: चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के प्रमुख सचिव डी.के. तिवाड़ी ने आज यहाँ बताया कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य में कोरोनावायरस के नये रूप (एन501वाई) सारस-कोव-2 की मौजुदगी को जाँचने के लिए राज्य में किये जा रहे टैस्टों के 5 प्रतिशत सैंपल हरेक हफ्ते इंस्टीट्यूट ऑफ जैनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी), दिल्ली और एनसीडीसी दिल्ली डिविजऩ ऑफ बायोटैक्रोलॉजी ऐपीडैमोलॉजी एंड सैंट्रल सरवाईलैंस यूनिट में भेजने का फ़ैसला किया है। 

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए श्री तिवाड़ी ने बताया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा राज्य में वायरस के नये स्ट्रेन के फैलाव को रोकने के लिए तैयार किये गए मास्टर प्लान के अधीन एक कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि बहुत तेज़ी से फैलने वाले इस वायरस के नये स्ट्रेन के सामने आने के बाद भारत सरकार द्वारा इसे फैलने को रोकने के लिए एडवाइजऱी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा 80 रैंडम सैंपल वायरल रिर्सच एंड डायग्नोस्टिक लैबारेट्री पटियाला और सरकारी मैडीकल कॉलेज अमृतसर और फरीदकोट से 40-40 सैंपल एनआईवी पूणे भेजे गए हैं, जिससे वायरस के नये स्ट्रेन की मौजुदगी का पता लगाया जा सके।  प्रमुख सचिव ने कहा कि जो सैंपल भेजे गए हैं उनकी चयन सितम्बर से दिसंबर, 2020 में लिए गए सैंपलों में से की गई है। इसके अलावा जितने भी यात्री ब्रिटेन से आ रहे हैं उनका भी बारीकी से जांच किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि सरकारी मैडीकल कॉलेज, अमृतसर में 8 व्यक्ति कोविड-19 पॉजि़टिव पाए गए हैं, जबकि एक व्यक्ति सरकारी मैडीकल कॉलेज में पॉजि़टिव पाया गया है। उन्होंने कहा कि इन 9 व्यक्तियों के सैंपल भी एनआईवी पूणे को भेजे गए हैं, जिससे नये वायरस की मौजूदगी का पता लगाया जा सके। श्री तिवाड़ी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान राज्य के तीन सरकारी मैडीकल कॉलेजों द्वारा टेस्टिंग की शुरुआत की गई। उन्होंने कहा कि सरकारी मैडीकल कॉलेज, अमृतसर और पटियाला में मार्च 2020 में लैब की शुरुआत के उपरांत तीसरी लैब फरीदकोट मैडीकल कॉलेज में शुरू की गई थी।

इन तीनों लैब्ज़ की कार्य प्रणाली की भरपूर सराहना की गई, क्योंकि यहाँ काम करने वाले डॉक्टरों और पैरामैडिकल स्टाफ द्वारा सख़्त मेहनत, समर्पण, वचनबद्धता के स्वरूप ही आईसीएमआर और भारत सरकार द्वारा तय मापदण्डों पर खरा उतरा जा सका। उन्होंने कहा कि वायरल रिर्सच एंड डायग्नोस्टिक लैबोरेट्रियों द्वारा कोविड-19 के नये रूप की पहचान करने के लिए कई कार्य किये गए हैं। उन्होंने कहा कि मार्च 2020 से लेकर अब तक 25.74 लाख टैस्ट पंजाब सरकार द्वारा किये जा चुके हैं, जिनमें से 78,666 व्यक्ति पॉजि़टिव पाए गए थे।

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