रियल अस्टेट प्रोजेक्टों के बकाए वापस लेने सम्बन्धी नीति को डिवैलपरों द्वारा भरपूर समर्थन

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नीति का लाभ लेने के लिए डिवैलपरों को 31 दिसंबर तक सभी चैक करवाने पड़ेंगे जमा

विभिन्न डिवैलपरों ने करवाए 435.85 करोड़ रुपए के चैक जमा

चंडीगढ़, 26 दिसंबर: रियल अस्टेट सैक्टर में मंदी को ध्यान में रखते हुये और रियल अस्टेट प्रोजेक्टों की विभिन्न श्रेणियों के मामलों से निपटने के लिए, पंजाब आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग द्वारा 28 नवंबर, 2019 को एक नीति नोटीफायी की गई है, जिससे प्रमोटर 31-12-2019 तक 6 छमायी किश्तों के साथ साथ अदायगी योग्य ब्याज चैक (पोस्ट डेटड चैक) के रूप में समेत बकाए जमा कर सकते हैं। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बकाया अदायगी की पहली किश्त 31-03-2020 तक जमा करवाई जायेगी। इस नीति का लाभ लेने के लिए डिवैलपरों को 31-12-2019 तक सभी चैक जमा करवाने ज़रूरी हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस नीति के अंतर्गत सिफऱ् उन मामलों में ही लाभ लिया जा सकता है जब बकाया रकम के लिए बैंक गारंटी या प्लॉट के रूप में सिक्यूरिटी प्रदान की गई हो। उन्होंने आगे बताया कि ग्रेटर मोहाली एरिया डिवैल्पमैंट अथॅारिटी (गमाडा) द्वारा प्राईवेट रियल अस्टेट प्रमोटरों की तरफ से ई.डी.सी. और अन्य अदायगियाँ न दिए जाने पर उनके ऑनलाइन बकाए प्रकाशित करने और भुगतान के लिए नियमित नोटिस भेजने सम्बन्धी बड़े स्तर पर कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह बकाए पंजाब अपार्टमेंट और प्रॉप्रटी रैगूलेशन एक्ट 1995 अधीन लाइसेंसशुदा प्रोजेक्टों से सम्बन्धित हैं और इनमें बाहरी विकास खर्चे (ई.डी.सी.), लाइसेंस फीस (एल.एफ.), सामाजिक बुनियादी ढांचा फंड (एस.आई.एफ.) और विभिन्न मेगा / सुपर मेगा प्रोजेक्टों के पी.आर -4/ 7 कर शामिल हैं। प्रवक्ता के अनुसार इस नीति को डिवैलपरों द्वारा भरपूर समर्थन मिल रहा है। अब तक गमाडा को विभिन्न डिवैलपरों से 435.85 करोड़ रुपए के पोस्ट डेटड चैक प्राप्त हुए हैं। जिन डिवैलपरों ने पोस्ट डेटड चैक जमा करवाएं हैं उनमें क्यूरो इंडिया प्राईवेट लिम., गिलको डिवैलपरज़ और बिलडर्ज़ प्राईवेट लिम., जे.एल.पी.एल., मनोहर इनफरास्टरक्कचर एंड कंस्टरक्कशन प्राईवेट लि., ओमैकसे चंडीगढ़ एक्स्टेंशन डिवैलपरज़ प्राईवेट लि., टी.डी.आई. इनफराटैक लिम. शामिल हैं। इन डिवैलपरों ने अपने कुछ प्रोजेक्टों या सभी प्रोजेक्टों सम्बन्धी बकाया रकम जमा करवाई है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि कई अन्य डिवैलपरों ने भी बकाया रकम जमा करवाने की इच्छा ज़ाहिर की है और उनको भुगतान के कार्यक्रम संबंधी बताया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि यह नीति उन डिवैलपरों को एक मौका प्रदान करने के लिए बनाई गई है जो अपने बकाए नियमित करने के इच्छुक हैं। नीति के नियमों के अनुसार बकाया जमा करवाने वाले डिवैलपरों को उन प्रोजेक्टों को चलाने सम्बन्धी हर सहायता दी जायेगी। उन्होंने आगे बताया कि बाकी डिफालटरों के साथ सख्ती से निपटा जायेगा क्योंकि विशेष विकास अथॉरिटी द्वारा निर्धारित समय के अंदर बकाया जमा न करवाने में असफल रहने वाले डिवैलपरों की अनुमानित जायदादों की नीलामी की जाऐगी।

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