नरेंद्र मोदी गैर-जिम्मेवार व असंवेदनशील प्रधान मंत्री: हरपाल सिंह चीमा

Harpal Singh Cheema\

सोची समझी साजिश के तहत किसान आंदोलन को खींचा जा रहा है लंबा

किसानों के साथ-साथ व्यापारियों, छोटे दुकानदारों, मजदूरों समेत सभी वर्गों को परेशान कर रही है सरकार

नाकाबिल मंत्री किसानी मसले को सुलझाने में हुए असफल, मोदी खुद किसानों के साथ करें बातचीत

चंडीगढ़, 22 दिसंबर। आम आदमी पार्टी (आप) ने कृषि संबंधी काले क़ानूनों के मामले को हल न करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक गैर-जिम्मेदार नेता बताते हुए कहा कि देश में ओर कई मुद्दों से ध्यान भटकाने के इरादे से किसान आंदोलन को लंबा खींचा जा रहा है। 
पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि देश में दिन प्रति दिन अमरबेल की तरह बढ़ रही महंगाई, विकराल रूप धारण कर चुकी बेरोजग़ारी और बिगड़ रही कानून व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने के इरादे से भाजपा सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार नहीं कर रही है। मोदी जबसे देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं, तबसे ही लोगों के मसले हल करने के बजाए लोगों को गुमराह करके उनका ध्यान असल मुद्दों से भटका रहे हैं। आज देश का किसान तानाशाह सरकार की चालाकियों को भलिभांति समझ चुका है और इस तानाशाह सरकार के मंसूबों को देश के लोग कभी भी पूरा नहीं होने देंगे। 

चीमा ने कहा कि आज मोदी सरकार के अडिय़ल रवैये के कारण ही देश के किसान, व्यापारी, मजदूर, छोटे दुकानदार समेत हर वर्ग को भारी दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। चीमा ने अपील करते है कि देश के प्रधानमंत्री को अंडानी-अम्बानी की कठपुतली बनकर इन पूंजीपतियों के इशारों पर काम नहीं करना चाहिए, उन्हें (नरिंदर मोदी) चाहिए कि वह प्रजातांत्रिक देश के प्रधानमंत्री के तौर पर काम करते हुए अपनी जिद्द छोड़ काले कानूनों को तुरंत रद्द करें। देश के करोड़ों लोगों ने अपनी वोट डाल कर मोदी को प्रधानमंत्री चुना है। अब जब देश के करोड़ों किसान अपनी बात करने के लिए दिल्ली बॉर्डर पर कड़ाके की सर्दी में दिन-रात संघर्ष कर रहे हैं, तो मोदी को किसानों के साथ बात करने से किस बात का डर लग रहा है। 

मोदी की ओर से बात न करने से साबित होता है कि उनका कंट्रोल अंडानी-अम्बानी के पास है, जैसे पूंजीपतियों का मन करता है, वैसे ही अपने इशारों पर नचाते हैं। प्रधानमंत्री को चाहिए कि देश के अन्नदाता की भावनाओं को समझते हुए कानून रद्द करें। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री अब तक किसानों के मामलों का समाधान करने में पूरी तरह से असफल रहे हैं। इस लिए प्रधानमंत्री खुद किसान जत्थेबंदियों के साथ बात करें और उनकी मांगों को तुरंत स्वीकार करते हुए काले कानून रद्द करने का ऐलान करें।   
 

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