किसान मोर्चों में डटी औरतों के लिए रैन-बसेरे बनाएंगें ओबराए।

बड़ी मात्रा में दवाएँ और पानी की डेढ़ लाख बोतलें भी भेजीं।

सफ़ाई के लिए 2 हज़ार डंडे वाले झाड़ुओं का भी प्रबंध किया।

अमृतसर, 16 दिसम्बर- अलग -अलग समय में लोग -सेवा के नये मील -पत्थर स्थापित करने वाले दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख डाॅ. एस.पी.सिंह ओबराए ने दिल्ली में किसान मोर्चे पर डटे किसानों को बड़ी सुविधाएं देने के बाद अब वहाँ मौजूद औरतों के लिए रैन-बसेरे बनाने के अतिरिक्त ओर भी मदद करने के बड़े ऐलान किये हैं।

डाॅ. ओबराए ने कहा कि सिंघू और टीकरी सरहदों पर ठंड के कारण आंदोलनकारी औरतों को आ रही परेशानी को देखते और मोर्चा -नेताओं की माँगों के अनुसार सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से तुरंत 1000 औरतों के ठहरने और सोने के लिए सुरक्षित रैन-बसेरे बनाए जा रहे हैं जो धुंध-बारिश से बचाव करेंगें। इस के अतिरिक्त दोनों मोर्चों पर साफ़ -सफ़ाई के लिए 2000 डंडों वाले बड़े झाड़ू भी मुहैया करवाये जा रहे हैं। मोर्चे ख़ास कर टीकरी सरहद पर पीने वाले साफ़ पानी की कमी को देखते हुए पानी की डेढ़ लाख बोतलें भी रवाना कर दी गईं हैं।

डाॅ. ओबराए ने कहा कि बीमार और जरूरतमंद किसानों के लिए बड़ी मात्रा में पहले की तरह ही लगातार दवाएँ भी पहुंचाईं जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस से पहले ट्रस्ट की तरफ से दिल्ली मोर्चे के लिए 20 टन से ज्यादा राशन-रसदों, पाँच एंबुलेंस गाड़ियाँ (एक वेंटिलेटर -युक्त),18 डाॅक्टर, हज़ारों कंबल,जैकटें,तौलिए,चप्पलें,रिफलैकटर और घोड़ों के लिए 50 क्विंटल खुराक भी भेजी जा चुकी है।

किसान मोर्चे दौरान शहीद होने वाले किसानों की संख्या 11 से 19 तक पहुंचने पर डाॅ. एस.पी.सिंह ओबराए ने स्पष्ट किया कि अब तक शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को उन की माली हालत अनुसार 10 हज़ार रुपए तक मासिक पैंशन दी जायेगी। जिक्रयोग है कि इस से पहले देश की रक्षा करते शहादत का जाम पीने वाले फ़ौज और नीम फ़ौजी बलों के 20 जवानों के परिवारों को ट्रस्ट की तरफ से 10 हज़ार रुपए महीनावार पैंशनें दी जा रही हैं।

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