शीतकालीन सत्र न बुला कर किसानों के सवालों से भागी सरकार-भगवंत मान

लोक नुमाइंदों की बात ही नहीं सुननी तो अरबों रुपया लगा कर पार्लियामेंट की नई इमारत बनाने का क्या फायदा?

चंडीगढ़, 15 दिसंबर । आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से शीतकालीन सत्र न बुलाने के फ़ैसले की सख्त निंदा करते कहा कि वास्तव में मोदी सरकार सवालों के जवाब देने से भाग रही है। 

पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा भगवंत मान ने कहा कि मोदी सरकार किसान आंदोलन के चलते कृषि कानूनों को वापस लेने के दबाव से डरते हुए सरकार चर्चा नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि किसानों के मसलों पर संसद में जवाब देने की बजाए मोदी सरकार कोविड-19 की आड़ में शीतकालीन सत्र न बुलाना ही ठीक समझती है। उन्होंने कहा कि जब कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने संसद में ज़बरदस्ती कानून पास करने थे, तो कोरोना समय भी सत्र बुलाया गया, परंतु अब जब किसानों की ओर से अपना अस्तित्व बचाने के लिए लड़े जा रहे आंदोलन के चलते संसद में घिरने का डर है तो सवालों का जवाब देने से हाथ खड़े कर दिए। 

सांसद मान ने कहा कि मोदी सरकार जबसे सत्ता में आई है, तब से ही इस का यह रिकार्ड रहा है कि हमेशा सवालों का जवाब देने से भागती रही है। सरकार ने हमेशा ही ऐसे हथकंडे अपनाएं हैं जो देश के लिए घातक सिद्ध हुए हैं। पिछले दिनों प्रधान मंत्री की ओर से नए संसद भवन के रखे नींव पत्थर पर बोलते मान ने कहा कि यदि लोकतंत्र विरोधी मोदी सरकार ने संसद बंद ही रखनी है तो फिर हजारों करोड़ रुपए खर्च करके नए भवन बनाने का क्या लाभ है? 

मान ने कहा कि मोदी सरकार जहां पहले संवैधानिक द्वारा मिले शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार छीन रही है, अब वहीं सवालों का जवाब देने से भी भाग रही है। मोदी सरकार वास्तव में प्रजातांत्रिक देश को एक तानाशाह की तरह चला रही है।   

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