सिवल अस्पताल में डिलिवरी के दौरान मृत जन्मे बच्चें के परिजनों ने लगाए डाक्टर पर लापवाही के आरोप

कहा नार्मल की बजाए सिजेरियन से करवाते डिलिवरी, दो घंटे अस्पताल में रोष प्रर्दशन कर नारेबाजी

डाक्टर का कहना बच्चें की गर्भ में ही हो चुकी थी मौत, डिलिवरी से पहले परिजनों को किया था सूचित करवाए हस्ताक्षर, एसएमओं का कहना शिकायत मिली जांच करवाएगी

गुरदासपुर, 01 दिसंबर (मनन सैनी)। मंगलवार को ​सिवल अस्पताल गुरदासपुर में डिलिवरी के दौरान जन्मे मृत बच्चे के परिजनों ने बच्चे की मौत की वजह डाक्टर की लापरवाही संबंधी आरोप लगाए। जिसके चलते उनकी ओर से करीब दो घंटे अस्पताल में रोष प्रर्दशन कर नारेबाजी की गई। हालाकि वहीं डाक्टर ने आरोपों को नकारते हुए कहा है कि बच्चें की मौत मां के गर्भ में ही हो चुकी थी। जिस संबंधी परिजनों को पहले से ही सूचित कर उनसे साईन करवाए गए थे। वहीं परि​जनों ने सिवल अस्पताल की एसएमओं को इस संबंधी लिखित में शिकायत दी तथा एसएमओ द्वारा भड़के परिजनों को जांच का आश्वासन दिलाने के उपरांत धरना समाप्त हुआ।

इस संबंधी बच्चे के पिता सनी ने बताया कि डॉक्टर को बार-बार कहा गया कि वह सिजेरियन ऑपरेशन कर दें। लेकिन डॉक्टर ने एक नहीं सुनी और महिला की नार्मल डिलीवरी कर दी। इसी दौरान खींचातान में बच्चे की मौत हो गई। उसने कहा कि डॉक्टर की लापरवाही से उनके बच्चे की मौत हुई है इसलिए डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जिस संबंंधी उन्होने एसएमओं को लिखित शिकायत दी है। अगर उक्त डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई तो वह फिर से मोर्चा खोलेंगे।

वहीं आरोपों को खारिज करते हुए इस संबंधी डॉ स्मिता ने बताया कि बच्चें की डिलिवरी से पहली ही गर्भ में मौत हो चुकी थी। जिस संबंधी परिजनों को पहले सूचित किया गया था तथा ​उनसे लिखित में हस्ताक्षर भी करवाने के उपरांत ही बच्चा बाहर निकाला गया। ​

वहीं इस संबंधी एसएमओ डॉक्टर चेतना ने बताया कि परिजनों ने बच्चे की मौत संबंधी लिखित रुप में शिकायत दे दी। फिलहाल उन्हे प्राथमिक जांच में पता चला है कि बच्चे की पहले ही मौत हो चुकी थी। जिसे बस बाहर निकाला गया। जिसके लिए नॉमल डिलिवरी ही करवाई जाती है और बेहद गंभीर हालातों में ही सर्जरी होती है। फिर भी वह मामले को गंभीरता से ले रही है तथा इसकी जांच करवाएगीं।

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