विरोध-किसानों ने किया रेलवे ट्रेक पर अनिश्चितकाल के लिए धरना शुरु, केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर गरजे किसान

कहा राहत देने की बजाए किसान विरोधी फैसले ले रही केंद्र सरकार

गुरदासपुर, 1 अक्तूबर (मनन सैनी)। वीरवार को किसान संगठनों एक बार फिर से पंजाब भर में दिए रेल रोको आंदोलन की काल पर गुरदासपुर के रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रेक पर अनिश्चितकालीन समय के लिए धरना शुरु कर दिया है। धरना सीनियर नेता करनैल सिंह, मक्खन सिंह कोहाड़, चन्नण सिहं, गुरदीप सिहं, जसवंत सिंह, अजैब सिहं, बलबीर सिंह, कश्मीर सिंह, नरिंदर सिंह, परमपाल सिंह मेतला, कामरेड लखविंदर सिंह, सुखदेव सिंह के संयुक्त नेतृत्व में शुरु किया गया। इस दौरान किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इससे पहले धरनाकारी किसान शहर के नेहरु पार्क में एकत्र हुए। वहां से किसान जीटी रोड के माध्यम से मार्च करके रेलवे ट्रैक पर पहुंचे।

धरने को संबोधित करते हुए किसान नेताओ ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को राहत देने की बजाए विरोधी फैसले ले रही है। सरकार के लोक विरोधी फैसले से किसानों के साथ-साथ हर वर्ग के लोग दुखी है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए देश में ऐसे काले कानून लागू करने में लगी हुई है। इससे किसान पूरी तरह से तबाह हो जाएग। जिसका असर पूरे भारत देश के लोगो पर भी पड़ेगा। केंद्र सरकार का यह फैसला किसानों व हर वर्ग के लिए घातक साबित होगा। इससे किसान आत्महत्या करने के रास्ते पर चल पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पहले ही कोरोना काल के चलते किसानों की आर्थिक हालत खराब बनी पड़ी है। जबकि ऐसे संकट के दौरान किसानों के खिलाफ विरोधी फैसले लिए जा रहे है। सरकार का यह फैसला सरासर गलत है। उनहोंने कहा कि सरकार ने इस काले कानून को लागू करने से पहले एक बार भी किसान से नहीं पूछा। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते आज किसान, नौजवान, आढ़ती, दुकानदार, मुलाजिम, मजदूर धरने पर डटे हुए है।

उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह पंजाब के मजदूरों-किसानों द्वारा खून पसीने से पैदा की फसलों को मुफ्त भाव लूटने के उपरांत अपनी निजी रेलों में भऱकर सार्वजनिक रेलवे ट्रेक पर लेकर देश दुनिया को महंगे भाव बेचने के लिए ले जाने की हर्गिज इज्जात नहीं दोंगे। इस मौके पर सतबीर सिंह मुलतानी, तरलोक सिंह, मा. रघबीर सिंह, बलविंदर सिहं, डा. अशोक भारती, पलविंदर सिंह, बलविंदर िसंह राजू, बाबा कमलजीत सिंह, गुरनाम सिंह संघर, हरभजन सिंह, हरदेव सिंह चिट्टी, जगीर सिंह, गुलजार सिहं, गुरनाम सिंह आदि उपस्थित थे।

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