तीखा विरोध-खेती कानून के खिलाफ किसानों के संघर्ष में गुरदासपुर के वकील भी कूदे, कहा धक्के से संसद में बिल पास करवाना, लोकतंत्र प्रणाली का अपमान

कानून को सीधा कारपोरेट घरानों के हक में तथा किसानों को तबाही की ओर धकेलने वाला बताया

कोर्ट कंप्लैक्स में रोष मार्च कर, राष्ट्रपति के नाम सौंपा डीसी को मांग पत्र

गुरदासपुर, 30 सितंबर (मनन सैनी)। किसानों व राजनीतिक पार्टियों की ओर से तीन खेती आर्डिनेंस के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई के खिलाफ अब गुरदासपुर के जिला बार एसोसिएशन के वकील भी संघर्ष में कूद गए है। जिसके चलते बुधवार को जिला बार एसोसिएशन गुरदासपुर के वकील खुलकर किसानों के समर्थन में आ गए है। आज बड़ी संख्या में वकीलों ने जिला कोर्ट कंप्लेक्स से अपना रोष मार्च शुरु किया। जिसके बाद डीसी कार्यालय पहुंच कर देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम पर डीसी को मांग पत्र सौंपा गया।

इसके बाद डीसी कार्यालय के समक्ष संबोधित करते हुए एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट सुखविंदर सिंह सैनी, सीनियर एडवोकेट एसएस काहलों, एडवोकेट नरिंदर कुमार, रणजीत सिंह गोराया ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो आर्डिनेंस पारित किए है, वो सरासर निंदनीय है। यह कानून सीधे रुप में कारपोरेट घरानों के हक में है। जबकि देश के अन्नदाता किसानों को तबाही की ओर धकेलने वाले है। जिस तरीके से संसद में यह बिल धक्के से पास किए गए है, वो अपने आपमें लोकतंत्र प्रणाली का अपमान करने वाली घटना है। इसका असर सिर्फ देश के किसानों पर नहीं पड़ेगे, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग पर पड़ेगा। बेरोजगारी बढ़ेगी, गरीबी बढ़ेगी, देश की जीडीपी पर बुरा असर पड़ेगा और महंगाई और विकराल रुप धारण करेगी।

एडवोकेट नरिंदर कुमार ने कहा कि देश के किसान इस लड़ाई में अकेले नहीं हैं और गुरदासपुर बार के वकील उनके संघर्ष में हर तरह से उनके साथ है। यदि जरुरत पड़ी तो किसानों के हक में अदालती लड़ाई लडऩे को भी तैयार है। चाहे सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़े। इस मौके पर हरपाल सिंह गिल,कवि राज सैनी, एचएस लखनपाल, मुनीष कुमार, अमित कुमार,राकेश शर्मा,हरजीत सिंह,एसएस धालीवाल, जतिंदर सिंह गिल, विष्णु शर्मा, हरप्रीत सिंह, रंजीत सिंह आदि उपस्थित थे।

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