वरिष्ठ अकाली नेताओं ने सुखदेव ढ़ींडसा को मां-पार्टी का नुकसान करने से परहेज करने का आग्रह किया

Shriomani Akali dal

भूंदड़, तोता सिंह तथा चंदूमाजरा ने ढ़ींडसा को याद करवाया कि सरदार परकाश सिंह बादल तथा सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता के दौरान लिए सभी फैसले लेने में वह अभिन्न अंग थे

सुखबीर बादल की नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास वयक्त किया

चंडीगढ़/18दिसंबरः शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं ने आज पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया तथा साथ ही राज्यसभा संासद सुखदेव सिंह ढ़ींडसा से आग्रह किया कि जिस मां-पार्टी ने उन्हे सब कुछ दिया है, उसके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उस पार्टी का नुकसान करने से परहेज करें।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए वरिष्ठ अकाली नेताओं सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़, जत्थेदार तोता सिंह तथा प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि सरदार ढ़ींडसा बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि सरदार परकाश सिंह बादल तथा सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता के दौरान लिए सभी फैसलों का वह अभिन्न अंग रहे हैं। उन्होने कहा कि हम सब जानते हैं कि सरदार बादल तथा अकाली दल अध्यक्ष ने हम सबको कितना महत्व दिया है। हमारी सहमति के बिना कभी भी कोई फैसला नही लिया गया। इन सभी बातों के मद्देनजर तुम्हारे जैसे वरिष्ठ नेता को यह बात शोभा नही देती कि वह पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ कोई भी दोष लगाए तथा ऐसी गतिविधियों में भाग ले, जो सिर्फ पार्टी का ही नुकसान करेंगी।

अकाली नेताओं ने कहा कि वह महसूस करते हैं कि वरिष्ठ लीडरशीप को उन सभी नियामतों का मुल्य चुकाना चाहिए, जो पार्टी दशकों से उन्हे देती आई है, जिसमें पार्टी की सरकार ने पिछले 10 सालों के दौरान ली मेहरबानियां भी शामिल हैं। उन्होने कहा कि ऐसा करने की जगह आप तथाकथित टकसालियां से मिलकर अकाली कार्यकर्ताओं में फूट डालने की कोशिश कर रहे हो। उन्होने कहा कि अकाली कार्यकर्ता इसे कभी पसंद नही करेंगे, क्योंकि उनके लिए पार्टी सबसे उपर है, व्यक्तिगत वफादारी से भी। अकाली कार्यकर्ता अकाली दल को कमजोर करने वाली किसी भी साजिश को किसी भी कीमत पर सफल नही होनेे देंगे।

अकाली नेताओं ने यह भी खुलासा किया कि सरदार सुखबीर सिंह बादल को लगातार तीसरी बार एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया द्वारा अकाली दल का अध्यक्ष चुना गया है। उन्होने कहा कि पहले भी अध्यक्ष पद के लिए इसी तरह चुनाव हुए थे तथा सरदार ढ़ींडसा ने इस विधि का समर्थन किया था।

सरदार ढ़ींडसा सेे ऐसा कुछ न करने का आग्रह करते हुए, जिससे कांग्रेस पार्टी की अकाली दल तथा सिख संस्थाओं खासतौर पर एसजीपीसी को कमजोर करने की योजना सफल होती हो, अकाली नेताओं ने कहा कि हम सभी ने पंजाब राज्य, हमारे पानी की रक्षा तथा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाई इमरजेंसी के दौरान सिविल अधिकारों की रक्षा के लिए डटकर मोर्चे लगाए हैं। हम अच्छे तथा बूरे समय में सरदार परकाश सिंह बादल के साथ डटकर खड़े रहे तथा कांग्रेस पार्टी द्वारा हमें समाप्त करने की कोशिशों का डटकर मुकाबला किया है। आज लोगों के हितों की रक्षा के लिए पंजाब को एक मजबूत अकाली दल की आवश्यकता है, यह चाहे कांग्रेस सरकार के कर्जा माफी से मुकरने के कारण पैदा हुआ किसानी संकट हो, घर घर नौकरी के वादे से मुकरने के कारण नौजवान निराशा से घिरे हों तथा जन कल्याण योजनाओं को बंद करके दलितों तथा गरीब वर्गों की हो रही बुरी हालत हो। कांग्रेस की गुंडागर्दी को रोकने तथा कांग्रेसी धक्केशाही के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हम सभी को संयुक्त होकर मोर्चा लगाने की आवश्कता है। कृप्या करके इस मुश्किल समय में पंजाब तथा पंजाबियों का साथ दो तथा ऐसा कोई कदम न उठाओ, जिससे पंजाब-विरोधी ताकतों को मदद मिले।

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