पंजाब के पाँच जि़लों में इंडिया हाईपरटैंशन कंट्रोल इनीशिएटिव की शुरुआत-बलबीर सिंह सिद्धू

Balbir Sidhu

सक्रीनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत दिसंबर 2019 तक हाईपरटैंशन के 80,000 मामलों की जांच

सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य एवं वैलनैस सेंटरों में सभी ज़रूरी दवाएँ उपलब्ध

चंडीगढ़, 24 जनवरी: हाईपरटैंशन (बल्ड प्रेशर) से पीडि़त मरीजों की जल्द पहचान और उनके इलाज के लिए पंजाब स्वास्थ्य विभाग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार और इंडियन कौंसिल ऑफ मैडीकल रिर्सच के सहयोग से राज्य के पाँच जिलों बठिंडा, होशियारपुर, गुरदासपुर, पठानकोट और मानसा में इंडिया हाईपरटैंशन कंट्रोल इनीशिएटिव (आई.एच.सी.आई.) की शुरूआत की है।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि इस प्रोजैक्ट का प्रारंभिक उद्देश्य हाईपरटैंशन के मामलों की जल्द पहचान करके उनको इलाज मुहैया करवाना और इसके साथ होने वाली मृत्यु दर को घटाना है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही स्क्रीनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत दिसंबर 2019 तक हाईपरटैंशन के 80,000 मामलों की जांच की गई। उन्होंने आगे कहा कि परिवार कल्याण भवन में डॉक्टरों, स्टाफ नर्सें, ए.एन.ऐमज़, आशा को हाईपरटैंशन के मरीज़ों की जांच करने और जल्द से जल्द इलाज शुरू करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।

स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि यह प्रोग्राम भारत सरकार के 5 राज्यों – पंजाब, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में शुरू किये गए प्राजैक्ट पर आधारित है। कैंसर, शुगर, दिल की बीमारियाँ और स्ट्रोक (एन.पी.सी.डी.सी.एस.) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय प्रोग्राम के हिस्से के तौर पर इस प्रोजैक्ट की शुरूआत करने वाला पंजाब पहला राज्य है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पहले पिछले 2 सालों के दौरान स्क्रीनिंग प्रोग्राम के सफलतापूर्वक लागू होने के बाद अब पंजाब सरकार ने राज्य भर में इस प्राजैक्ट को लागू करने का फ़ैसला किया है। इस सम्बन्धी एक राज्य स्तरीय वर्कशॉप करवाई गई जहाँ जि़ला स्वास्थ्य प्रबंधकों को विश्व स्वास्थ्य संगठन और आई.सी.एम.आर. (इंडियन कौंसिल ऑफ मैडीकल रिर्सच) से राज्य के स्वास्थ्य प्रतिनिधियों द्वारा प्रोजैक्ट और महत्वपूर्ण रणनीतियों सम्बन्धी अवगत करवाया गया।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य एवं वैलनैस सेंटरों में हर स्तर पर मुफ़्त दवाओं की उपलब्धता को यकीनी बनाया गया है जिससे मरीज़ों को दवाएँ खरीदने के लिए दूर न जाना पड़े। उन्होंने आगे कहा कि नये जिलों में स्टाफ का प्रशिक्षण फरवरी से शुरू होकर मार्च 2020 के अंत तक चलेगा। यह प्रोग्राम अप्रैल 2020 तक राज्य भर में लागू हो जायेगा।

Exit mobile version