नशा करने वालों को बिमार होनें का दर्ज नही दे रही पुलिस, नशा छुड़ाओं केंद्र में दाखिल करवाने की बजाए थाने में बिठा छोड़ देती है पुलिस

एसएसपी का कहना नशा करने वाले होते है बिमार, सहानूभूति के साथ साथ इलाज की जरुरत, करेगें जांच

गुरदासपुर, 3 अगस्त (मनन सैनी)। पंजाब पुलिस की ओर से जहां नशा तस्करी रोकने के बड़े बड़े दावें किए जा रहे है परन्तु वहीं पुलिस अभी तक नशे की गिरफ्त में आ चुके मरीजों को बिमार होने का दर्जा नही दे रही। ​पुलिस की ओर से नशा करने वालों को महज पकड़ कर कुछ देर थाने में रख कर ही बाद में बिमार को छोड़ दिया जाता है, जबकि उसे नशा छुडाओं केंद्र में न तो दाखिल किया जाता है और न ही केंद्र में दाखिल होनें के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वहीं अगर कोई व्यक्ति खुद हिम्मत कर नशा  करने वालों को पुलिस के हवाले करता है तो पुलिस उक्त को मात्र कुछ घंटे थाने में बिठाकर वापस घर भेज देते हैं और वो फिर से नशा करना शुरू कर देता है।  

ऐसा ही एक मामला रविवार को उस समय देखने को मिला जब एक खाली प्लाट में छिपकर नशे के इंजेक्शन लगा रहे दो नशा ग्रस्त बिमार युवकों को प्लाट मालिक ने खुद काबू किया और उनकी पिटाई करने के बाद उन्हें छोड़ दिया। प्लाट मालिक का कहना है कि उसने पहले भी दो बार उक्त को थाना सिटी पुलिस के हवाले किया था लेकिन पुलिस द्वारा बिना कार्रवाई के ही उन्हें छोड़ दिया गया था और न ही उन्हे नशा छुड़ाओं केंद्र में दाखिल करवाया गया।  जिसके चलते उसने इस बार मार्केट के कुछ दुकानदारों के साथ मिलकर उक्त युवकों को काबू किया है। 

पीड़ित ने बताया कि उसके प्लाट में सामान भी पड़ा हुआ है जिसके चलते उसने अब वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए हैं। रविवार की दोपहर उसने कैमरे मे देखा कि दो लोग वहां पौधों के पीछे छिप कर कुछ कर रहे थे, जब वह अपने आस पास के दुकानदारों के साथ वहां पहुंचे तो नशे की डोज ले रहे थे । जिन्हे पकड़ लिया गया। उक्त दोनों युवक शहर में ही रेहड़ी लगाने का काम करते हैं। पीड़ित प्लाट मालिक व अन्य दुकानदारों ने कहा कि अगर पुलिस ऐसे युवक जो नशा के बिमारी से ग्रस्त है पर मामला दर्ज नहीं करती तो उन्हें ऐसे छोड़ने की बजाए नशा छु़ड़ाओ केंद्र में भर्ती करवा दे ताकि उस व्यक्ति की आगे की जिन्दगी सुधर सके।

वहीं इस संबंधी जब मामला एसएसपी डाक्टर नानक सिंह के ध्यान में लाया गया तो उन्होने कहा कि वह इस संबंधी पूरी जानकारी हासिल करेगें। उन्होनें कहा कि नशा करने वाले बुनियादी रुप से बिमार होते है जिन्हे उपचार एवं सही देखभाल की जरुरत है। ​सही उपचार से उक्त बिमार व्यक्ति नशा छोड़ने में समर्थ है। ​उन्होनें कहा कि इस संबंधी थाना प्रभारी से बात करके मामले की सारी जानकारी लेगें । उधर जब  थाना सिटी प्रभारी जबरजीत सिंह ने कहा कि दोनों युवकों की पहचान हो गई है। इनमें से एक को काबू करके सिविल अस्पताल के नशा छुड़ाओ केंद्र में भर्ती करवाया गया है।

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