उसारी मिस्त्री मजदूर यूनियन ने डीसी दफ्तर समक्ष से दिया धरना

गुरदासपुर, 26 जुलाई । पिछले वर्ष कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार द्वारा मजदूरों की भलाई के लिए बने 44 प्रकार के किरत कानूनों को भंग करके चार कोडों में तब्दील करने और अन्य मांगों को लेकर सोमवार को उसारी मिस्त्री मजदूर यूनियन संबंधित इफ्टू ने रोष मार्च करने के बाद डीसी कार्यालय के समक्ष धरना दिया। जिसकी अध्यक्षता वस्सन सिंह, गुरमीत राज पाहड़ा, वीर चंद, हरजिंदर मसीह, शेख कबीर व हरजिंदर सिंह ने की। इसमें विशेष रुप से कामरेड रमेश राणा शामिल हुए। 

रैली को संबोधित करते हुए जिला प्रधान जोगिंदर पाल, भुपिंदर सिंह, जतिंदर बिट्टू व जोगिंदर पाल ने कहा कि देश में बनने वाली प्रत्येक नीति देश के अमीर घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई जा रही है। पिछले वर्ष जब देश में कोरोना वायरस का भय खड़ा कर दिया था, तब केंद्र सरकार ने इस भय का लाभ उठाते हुए मजदूरों की बेहतरी के लिए बने 44 कानूनों को चार कोडों में तब्दील करके लोक विरोधी फैसला लिया है। शिकागो के मजदूरों ने आठ घंटे श्रम का कानून बनाया था, मगर केंद्र सरकार ने देश में इस कानून को खत्म कर 12 घंटो की दिहाड़ी कानून बना दिया है। पंजाब सरकार भी कोरोना संकट की आड़ में उसारी बोर्ड से रजिस्टर्ड श्रमिकों के करोड़ो रुपए दबाकर बैठी हुई है। मजदूर की मौत के बाद परिवार को मिलने वाली एक्सग्रेशिया राशि तीन लाख से कम करके दो लाख कर दी है। वजीफा स्कीम के तहत दो बच्चों तक तय कर दिया गया है। श्रमिकों को मिलने वाली साइकिल स्कीम को खत्म कर दिया है। 60 साल के बाद श्रमिकों की लगने वाली पेंशन का समय तीन वर्ष से बढ़ाकर दस साल किया गया है। शगुन स्कीम के तहत मिलने वाली राशि व शादी के सर्टिफिकेट की शर्त लागू कर दी गई है। कोरोना काल के दौरान मिलने वाला गुजारा भत्ता बड़ी संख्या में श्रमिकों को प्राप्त नहीं हुआ। गुरदासपुर, काहनूवान, दीनानगर, धारीवाल, दोरांगला व बहरामपुर सहित करीब 9 हजार श्रमिक जो कि बुरे हाल में जीवन निर्वाह कर रहे है, को जमीनी स्तर पर कुछ भी प्राप्त नहीं हो रहा। इस मौके पर महंगा राम, जोगिंदर सिंह, रछपाल सिंह, अश्वनी कुमार, सतपाल, डेनियल गिल, शशी, कश्मीर सिंह, वस्सन सिंह, अशोक कुमार, कुलवंत राए आदि उपस्थित थे।

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