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‘कृषि कानून रद्द करने से कम कुछ भी मंजूर नहीं’ गुरदासपुर की दाना मंडी में किसानों ने की महारैली, मोदी सरकार पर बरसे

‘कृषि कानून रद्द करने से कम कुछ भी मंजूर नहीं’  गुरदासपुर की दाना मंडी में किसानों ने की महारैली, मोदी सरकार पर बरसे
  • PublishedApril 12, 2021

सांसद सनी देओल को आड़े हाथ लिया, कहा- पंजाब को सनी ने धोखा दिया

लोगों की सुनने के बजाय आका की जी हजूरी करने का लगाया आरोप

गुरदासपुर, 12 अप्रैल (मनन सैनी)। गुरदासपुर की दाना मंडी में किसान संगठनों ने सोमवार को महारैली का आयोजन किया। जिसमें ​मजदूर, किसान, नौजवानों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओ के लोगों ने सैंकड़ो की तादात में शिरकत की। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ खूब भड़ास निकाली और मोदी सरकार पर बरसे। किसानों ने केंद्र सरकार से दो टूक कहा कि कृषि कानून रद्द करने ही होंगे, इससे कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। वहीं रैली में नेताओं को सुनने पहंचे किसानों ने गुरदासपुर के सांसद सनी देओल पर भी भड़ास निकाली और उन्हें पंजाब का गद्दार तक कह दिया। किसानों ने कहा कि सनी देओल ने किसानों की पीछ में छुरा घोंपा है। गुरदासपुर हलके के कई किसान आंदोलन में शहीद हो चुके हैं और हमारा सांसद लोगों की सुनने के बजाय अपने आका की जी हजूरी करने में लगे हैं।

इस महा रैली में कामरेड़ तेजा सिंह स्वंतत्र की 48वीं बरसी को याद करते हुए दिल्ली से पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर ​सिंह राजेवाल, रुलदू सिंह मानसा, मेजर सिंह भिखीविंड, बलविंदर सिंह राजू औलख ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री लोगो को गुमराह करने के चलते झूठ बोल रहे है कि कृषि कानून किसानों के हक में है तथा सरकार सीधे उल्टे तरीके अपना कर लगातार मोर्चे को खत्म करने की साजिशें रच रही है।

उन्होने कहा कि मोर्चे के साथ चली बैठकों में सरकार के नुमाइंदे ​बिजली संशोधन बिल 2020 को वापिस लेने के लिए मान गए थे। परन्तु मौजूदा समय में सरकार इस बिल को आने वाले सैशन में पास करवाने की जल्दबाजी में है। उन्होने कहा कि सरकार सब सरकारी संपत्तियां, एलआईसी आदि निजी लोगों के हाथों में बेच रही है। जिससे आने वाले समय में हरेक वर्ग के लिए मुसीबतों का दौर शुरु होने वाला है।

उन्होने कहा कि कृषि मंत्री का यह ब्यान है कि कोरोना बिमारी जोर पकड़ रही है और किसानों को दिल्ली खाली कर देनी चाहिए। परन्तु सच्चाई यह है कि कोरोना का बड़े स्तर पर किया जा रहा प्रचार किसानी आंदोलन को कुचलने की साजिश है। उन्होने कहा कि सिंघपुर, टिकरी, गाजिपुर मोर्चे में एक भी कोरोना की शिकायत सामने नही आई। जबकि दिल के दौरे, हादसों अन्य के चलते करीब 350 किसानों की शहादत हो चुकी है। उन्होने कहा कि सरकार की इस साजिश को भी असफल बनाया जाएगा। उन्होने कहा कि गांव स्तर पर मते पड़ रहे है कि जितनी देर इन कानूनों को रद्द नही किया जाता तब तक किसी भी राजनितिक पार्टी को वोट मांगने के नाम पर गांव में दाखिल नही होने दिया जाएगा। उन्होने लोगों को कहा कि वह दिल्ली आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें।

गौर रहे कि इस महारैली के दौरान किसानों ने कोरोना की गाइडलाइन का जमकर उल्लंघन किया गया। महारैली के दौरान आरपार की लड़ाई का मन बना चुके किसानों ने कहा कि वह अपने बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कदापि नहीं होने देंगे और इन्हें रद्द करवाकर ही दम लेंगे।

इस मौके पर जब कुछ किसानों से कोरोना वायरस के फैल रहे संक्रमण संबंधी बात की गई तो उन्होने कहा कि कोरोना का डर दिखाकर उन्हें तोड़ा या घर नहीं भेजा जा सकता। क्या कोरोना वायरस चुनावों के दौरान रैलियों में शिरकत नहीं करता। चुनावों के चलते प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सभी नियमों को धूल में मिलाकर जनसभाएं कर रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा कि कोरोना तो दिखता नहीं है, पता नहीं मारेगा या नहीं, लेकिन मोदी सरकार के फरमान किसानों के लिए मौत का फरमान हैं।

वहीं इस मौके पर नेताओं को सुनने पहुंचे निर्मल सिंह, गुरबचन सिंह, सतबीर सिंह आदि ने बातचीत करते हुए कहा गुरदासपुर के सांसद सनी देओल पर भी जम कर प्रहार किए। उन्होने कहा कि सनी देओल पंजाबी होने का दावा करते है परन्तु उन्होनें पंजाबियों तथा किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है। उन्होने कहा कि लोगों ने उन्हे अपना मत देकर चुनाव जीतवाया और अगर उनकी केंद्र सरकार में नही सुनी जा रही तो वह इस्तीफा क्यों नही दे देतें। परन्तु वह तो अपने आका की जी हजूरी करने में वयस्त है तथा पंजाब के गद्दार है।

Written By
The Punjab Wire